maihar mata mandir story in hindi
मैहर माता मंदिर : यहां आते हैं दो वीर
मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मैहर माता मंदिर के बारे में
श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां रात 2 से 5 बजे के बीच रुकने से मौत हो
सकती है? दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 1,063 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। मंदिर
में एक प्राचीन शिलालेख भी लगा हुआ है। यहां भगवान नृसिंह की प्राचीन
मूर्ति विराजमान हैं जिसे साल 502 में लगवाया गया था। साथ ही, दो महान
योद्धाओं आल्हा तथा ऊदल का भी दर्शन कर उनकी वीरता और महानता की वंदना करते
हैं।
आल्हा व ऊदल मां के बहुत समर्पित भक्त थे। उन्होंने 1182 में पृथ्वीराज
चैहान से युद्ध भी किया था। आज भी लोकगीतों में उनकी वीरता और मां के प्रति
भक्ति का उल्लेख किया जाता है।
श्रद्धालुओं का विश्वास है कि दोनों भाइयों पर मां की असीम कृपा थी।
उनका भी मां के प्रति अनुराग था। यहां तक कि वे आज भी मां के दर्शन करने
आते हैं। मंदिर के पास ही आल्हा की स्मृति में एक सुंदर तालाब है। कहा जाता
है कि इस इलाके में दोनों भाई जोर-आजमाइश के लिए कुश्ती का अभ्यास करते
थे। आज भी वे अखाड़े उन वीरों की गाथा कहते हैं और लोग इन्हें दूर-दूर से
देखने आते हैं।
मां शारदा के मंदिर को रात 2 से 5 बजे के बीच बंद कर दिया जाता है। इसके
पीछे मान्यता है कि इसी अवधि में ये दोनों भाई मां के दर्शन करने आते हैं।
दोनों भाई मां के दर्शन, पूजन के साथ ही उनका श्रृंगार भी करते हैं। इसलिए
रात को 2 से 5 बजे के बीच यहां कोई नहीं ठहरता। श्रद्धालुओं की मान्यता है
कि जो हठपूर्वक यहां रुकने की कोशिश करता है, उसकी मौत हो सकती है।
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