कई लोग ऐसे होते हैं जिनके भीतर भांपने की शक्ति बहुत ज्यादा होती है। ऐसे व्यक्ति किसी भी खतरे या अवसर की पहचान बेहद शीघ्रता से कर लेते हैं। इन्हें बहुत पहले ही आने वाले भविष्य का अंदाज़ा हो जाता है। ऐसे इंसान कभी भी धोखा नहीं खाते और जो भी इन्हें धोखा देने की चेष्टा करता है, उसे बहुत नुकसान झेलना पड़ता है।
ये तो रही तथ्य की बात। अब जानते हैं कि ऐसा क्यों और कैसे होता है कि एक इंसान के भीतर भांपने की शक्ति पैदा हो जाती है। यानि ऐसी अतिंद्रिय शक्ति जिसके आधार पर वह आने वाले भविष्य का अंदाज़ा बहुत पहले से लगा लेता है।
वस्तुतः अतिंद्रिय शक्ति के लिए कुण्डली के कुछ खास भाव बेहद जिम्मेदार होते हैं। इसमें राहु व मंगल की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। किंतु केवल राहु व मंगल ही नहीं वरन् इनकी कुण्डली के किन भावों में मौज़ूदगी है, ये ज्यादा महत्वपूर्ण है।
ध्यान रहे कि कुण्डली में यदि मंगल पांचवें भाव में मौज़ूद है तथा राहु लग्न में है तो ऐसा इंसान दूरद्रष्टा होता है। इसका अर्थ है कि ऐसे व्यक्ति को भविष्य का अंदाज़ा काफी पहले से हो जाता है और आने वाले खतरे और लाभ को भी भांप जाता है। इसके अलावा ये भी ध्यान रहे कि ऐसा व्यक्ति किसी के भी चरित्र का सटीक अनुमान लगा पाने में सक्षम होता है।
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