आगरा के एक मंदिर में पिछले 15 सालों से आने वाला नाग लोगों के लिए आश्चर्य और कौतुहल का विषय है।
यह मामला आगरा के सैय्या थाना क्षेत्र अंतर्गत सलेमाबाद गांव के शिव मंदिर का है, जहां पिछले 15 सालों से एक नाग की आस्था रहस्य बनी हुई है। यह नाग 15 सालों से लगातार इस शिवमंदिर में आता है और पूरे पांच घंटे यहां गुजारने के बाद चला जाता है। स्थानीय लोगों और मंदिर के पुजारी के अनुसार ये नाग पूरे पांच घंटे शिवजी की आराधना करता है, तो वहीं कुछ लोग उसे साक्षात शिव का अवतार मानते हैं।
नाग के पूजा करने की बात फैलने से इस मंदिर की प्रसिद्धि जरूर बढ़ गई है। इन 15 वर्षों में नाग ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है , पुजारी और ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर में पुजारी के पूजा करने के बाद सुबह लगभग 10 बजे नाग मंदिर में आता है और दोपहर तीन बजे तक शिवजी की पूजा करता है। इस दौरान मंदिर में कोई नहीं जाता और न ही नाग लोगों के चढ़ाए गए दूध को पीता है।
वैसे भी विज्ञान के मुताबिक, नाग और कोई सांप न तो दूध पीते हैं और न फल खाते हैं। इसके बावजूद लोगों की आस्था के चलते महाशिवरात्रि पर न जाने कितने सांपों को जबरन दूध पिलाने की कोशिश की जाती है। सपेरे घर-घर, मंदिर-मंदिर पिटारे में सांपों को लेकर जाते हैं। वे दूध में सांप का मुंह डालते हैं, जिससे सांपों की मौत तक हो जाती है।
facebook
Twitter
यह मामला आगरा के सैय्या थाना क्षेत्र अंतर्गत सलेमाबाद गांव के शिव मंदिर का है, जहां पिछले 15 सालों से एक नाग की आस्था रहस्य बनी हुई है। यह नाग 15 सालों से लगातार इस शिवमंदिर में आता है और पूरे पांच घंटे यहां गुजारने के बाद चला जाता है। स्थानीय लोगों और मंदिर के पुजारी के अनुसार ये नाग पूरे पांच घंटे शिवजी की आराधना करता है, तो वहीं कुछ लोग उसे साक्षात शिव का अवतार मानते हैं।
नाग के पूजा करने की बात फैलने से इस मंदिर की प्रसिद्धि जरूर बढ़ गई है। इन 15 वर्षों में नाग ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है , पुजारी और ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर में पुजारी के पूजा करने के बाद सुबह लगभग 10 बजे नाग मंदिर में आता है और दोपहर तीन बजे तक शिवजी की पूजा करता है। इस दौरान मंदिर में कोई नहीं जाता और न ही नाग लोगों के चढ़ाए गए दूध को पीता है।
वैसे भी विज्ञान के मुताबिक, नाग और कोई सांप न तो दूध पीते हैं और न फल खाते हैं। इसके बावजूद लोगों की आस्था के चलते महाशिवरात्रि पर न जाने कितने सांपों को जबरन दूध पिलाने की कोशिश की जाती है। सपेरे घर-घर, मंदिर-मंदिर पिटारे में सांपों को लेकर जाते हैं। वे दूध में सांप का मुंह डालते हैं, जिससे सांपों की मौत तक हो जाती है।
No comments:
Post a Comment