Thursday 22 October 2015

हजारों साल पहले मर गया रावण, श्रीलंका में आज भी मौजूद है उसकी गुफा



पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, रावण भारत से समुद्र पार लंका में रहता था। यह लंका सोने की बनी थी।
जानकर कहते हैं कि यह लंका आज का श्रीलंका है। भारत के अंतिम छोर से राम और उनकी वानर सेना समुद्र पार लंका गई थी। वहां रावण और उसकी राक्षस सेना का वध कर सीता को वापस लेकर लौटी। हालांकि, लंका महल का अब कोई अवशेष वहां नहीं दिखता, लेकिन रावण का प्राचीन मंदिर, उसकी गुफा और झरने आज भी बुलंद हैं। यह सब कुछ रावण इला में मौजूद हैं। 

यह गुफा पहाड़ की चोटी और घने जंगलों में छिपी है। इंटरनेट पर मौजूद इससे जुड़ी कुछ तस्वीरें जारी की जाती रही हैं। जानकार बताते हैं कि रावण ने यहां भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। आज यहां बौद्ध मठ है और बौद्ध भिक्षु रहते हैं।
माना जाता है कि श्रीलंका में कुछ लोग रावण की पूजा करते हैं। हालांकि, यह सच नहीं है। यहां पर रावण का एक भी मंदिर दिखाई नहीं देता। 





यहां से गुफा तक जाने का रास्ता शुरू होता है, जो पहाड़ों के बीच में है।हनुमान द्वारा अशोक वाटिका की पहचान करने के बाद रावण ने सीता को इस गुफा में भेज दिया था।  पहाड़ों के बीच में कहीं रावण की गुफा आज भी सुरक्षित हैं। 
                                                         गुफा की ओर जाने वाला रास्ता 
 प्राचीन कथाओं और स्थानीय लोगों के मुताबिक, हनुमान के लंका पर हमला करने के बाद सीता को अशोक वाटिका से इस गुफा में भेजा गया था। यहां काफी अंधेरा रहता है। अच्छे कैमरा फ्लैश भी काम नहीं करते। इसमें एक सुरंग है, जिसके सहारे अशोक वाटिका तक पहुंचा जा सकता है। 
                                          रावण का प्राचीन मंदिर। अब इसमें बौद्ध भिक्षु रहते हैं।
                                      मंदिर के अंदर चित्रकारी हजारों साल पुरानी बताई जाती हैं। 
 मंदिर की छत पर प्राचीन पेंटिंग के बचे हुए निशान, बताया जाता है कि रावण यहां बैठकर ध्यान करता था।
                                                  रावण की गुफा के पास बहता हुआ झरना 


                                                                www.sanatanpath.com

                                                                         facebook

                                                                         Twitter





No comments: