यहां देवी की प्रतिमा विभिन्न रूप बदलती है,मूर्ति से आंसू भी आता है
एक ऎसा देवी मंदिर भिवानी का है जो आपको आश्चर्य में डाल सकता है।
भिवानी के भोजांवाली देवी मंदिर की खासियत ये है कि यहां देवी की प्रतिमा
विभिन्न रूप बदलती है। भोजांवाली देवी मंदिर भिवानी की एतिहासिक धरोहरों
में से एक है ।
किस्से के अनुसार जिस जगह पर सात सौ साल पूर्व ये मंदिर बनाया गया वहां
झाड-झंखाड थे। एक मूर्ति राजस्थान ले जाने के लिए लाई जा रही थी। रात्रि
विश्राम के लिए मूर्ति ले जाने वाले यहां रूके व अगले दिन जब जाने लगे तो
मूर्ति अपनी जगह से नहीं हिली।
लाख कोशिशों के बावजूद मूर्ति नहीं हिली। थक-हारकर मूर्ति को वहीं
स्थापित करना पडा। मंदिर के पुजारी व अन्य की मानें तो मूर्ति की खासियत यह
है कि इसकी नाक बिंधी हुई है जो कि शायद ही हिंदुस्तान में कहीं होगी।
वहीं मूर्ति की आंखों से आंसू निकलते हें तो मूर्ति को पसीना भी आता है।
इसकी वजह ये बताई जा रही है कि भी़ड को माता महसूस करती है तथा इसी वजह
से प्रतिमा को भी पसीने आते हैं। वहीं माता की प्रतिमा नवरात्रों में नौ
दिन नए-नए रूप बदलती है ऎसा श्रद्धालुओं का मानना है।
यहां न केवल हरियाणा से बल्कि देश-विदेश में बसे भारतीय भी नवरात्रों व आम दिनों में यहां आते हैं।
मंदिर की खासियत व इसके महत्त्व का अंदाजा यहां उम़डेन वाली भी़ड से
लगाया जा सकता है। हकीकत तो श्रद्धालु ही जानें मगर यदि उनकी बातों पर
विश्वास किया जाए तो निश्चित तौर पर मंदिर चमत्कारी है !
No comments:
Post a Comment