what is kalyug
कलियुग के बारे में यह बड़ा रहस्य बताया था श्री कृष्ण ने पांडवों को !
what is kalyug
एक बार पांडवों ने श्रीकृष्ण से पूछा, कलियुग में
मनुष्य कैसा होगा? श्रीकृष्ण ने कहा, तुम पांचों वन में जाओ और जो भी दिखे,
उसके बारे में बताओ। पांचों भाई वन में गए।
वहां युधिष्ठिर ने देखा कि
किसी हाथी की दो सूंड है।
अर्जुन दूसरी दिशा में गए। वहां उन्होंने देखा कि
एक पक्षी के पंखों पर वेद मंत्र लिखे हुए हैं, पर वह मांस खा रहा है!
भीम
ने देखा कि गाय अपने बछडे़ को इतना चाट रही है कि वह लहूलुहान हो रहा है।
सहदेव
ने छह-सात कुएं देखे, जिसमें बीच का कुआं खाली है।
नकुल ने देखा कि पहाड़
के ऊपर से एक बड़ी शिला लुढ़कती हुई आई, वह कितने ही वृक्षों से टकराई, मगर
अंत में एक अत्यंत छोटे पौधे का स्पर्श होते ही वह स्थिर हो गई।
शाम को वे सभी श्रीकृष्ण के पास गए और उन्होंने अपने दृश्यों का वर्णन किया। युधिष्ठिर ने कहा, मैंने दो सूंड वाला हाथी देखा, तो श्रीकृष्ण ने कहा, कलियुग में ऐसे लोगों का राज होगा, जो दोनों ओर से शोषण करेंगे। वे बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ।
अर्जुन की बातें सुनकर कृष्ण ने कहा, कलियुग में पंडित और विद्वान कहलाने वाले लोग बहुत होंगे, किंतु वे इसी ताक में रहेंगे कि कौन-सा मनुष्य मरे और उनके नाम से संपत्ति कर जाए। कोई विरला ही संत होगा। भीम के आश्चर्य के बारे में श्रीकृष्ण का जवाब था, कलियुग का आदमी अपनी संतानों को इतना लाड़ करेगा कि उसे अपने विकास का अवसर ही नहीं मिलेगा।
सहदेव के देखे आश्चर्य का अर्थ था कि लोग वैवाहिक आयोजन में, अन्य छोटे-बड़े उत्सवों में तो लाखों रुपये खर्च कर देंगे, परंतु पड़ोस में ही यदि कोई भूखा-प्यासा होगा, तो यह नहीं देखेंगे कि उसका पेट भरा है या नहीं। पांचवें आश्चर्य के बारे में कृष्ण का कहना था, यह मन की उस गिरावट का संकेत है, जो भगवन्नाम के जप से ही रुक सकेगा।
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