बिजली महादेव प्राचीन शिव मंदिर पर हर 12 साल में बिजली गिरने का रहस्य , जाने अभी
Bijli Mahadev Temple Story
हिमाचल
प्रदेश के कुल्लू में स्तिथ बिजली महादेव। कुल्लू का पूरा इतिहास बिजली
महादेव से जुड़ा हुआ है। कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम के
पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बिजली महादेव का प्राचीन मंदिर है। - See more
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सनातन पथ इन्फो ब्लॉग आज आपको एक अदभुत मंदिर के बारे में बताने जा रहा है ! बिजली महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में है ! कुल्लू शहर में ब्यास और
पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बिजली महादेव का प्राचीन
मंदिर है !कुल्लू का पूरा इतिहास बिजली महादेव से जुड़ा हुआ है ! यह जगह समुद्र स्तर 2460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और शीत काल में यहाँ भारी बर्फबारी होती है ! हर मौसम में यहाँ श्रद्धालु महादेव के इस अद्भुत मंदिर के दर्शन को आते है!
कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बिजली महादेव का प्राचीन मंदिर है ! कुल्लू घाटी में मान्यता है की यह घाटी एक विशालकाय सांप का एक रूप है जिसका वध भगवान शिव ने किया था !
यहाँ पर जिस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की गई है वहाँ हर साल बिजली गिरती है, बिजली गिरने से इस मंदिर का शिवलिंग खंडित हो जाता है! इस खंडित शिवलिंग को मंदिर के पुजारी एकत्रित करके मक्खन से वापस जोड़ देते है, कुछ माह बाद यह शिवलिंग ठोस रूप में परिवर्तित हो जाता है !
Bijli Mahadev Temple History
इस मंदिर में हर साल क्यों गिरती है बिजली , इसके पीछे एक रोचक कथा है ! एक बार कुलान्त नामक दैत्य अजगर का विशाल रूप धारण कर कुल्लू के मथान गाव में आया ! दैत्य रूपी अजगर कुंडली मारकर व्यास नदी के पानी को रोक कर इस जगह को डुबोना चाहता था जिससे यहाँ के सारे जीव-जंतु मारे जाये !
भगवान शिव ने जब कुलान्त के यह इच्छा जानी तो वे उसके निकट आये और कहा की तुम्हारे पुंछ में आग लगी है, यह सुनते ही जब कुलान्त पीछे अपनी पुंछ को देखने मुड़ा ,शिव ने अपने त्रिशूल से उस के सिर पर वार कर दिया !
इस तरह कुलान्त मारा गया और उसका शरीर एक विशाल पर्वत में बदल गया जहाँ उसका शरीर फैला था वहाँ घाटी का निर्माण हुआ | तब भगवान शिव ने इंद्र का आह्वान किया तथा उन्हें इस जगह पर हर साल में बिजली गिराने को कहा !
शिव नही चाहते थे की जब बिजली गिरे तो इससे जन धन को हानि हो अतः शिवजी वहाँ शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए ! जब वहाँ बिजली गिरती है तो शिवजी उसे अपने ऊपर ले लेते है इसलिए यहाँ के लोग भगवान शिव के इस शिवलिंग को बिजली महादेव कहते है !
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प्रदेश के कुल्लू में स्तिथ बिजली महादेव। कुल्लू का पूरा इतिहास बिजली
महादेव से जुड़ा हुआ है। कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम के
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