हल्दी को सनातन हिंदू धर्म में क्यों समझते हैं पवित्र , क्यो होता है हल्दी का पूजा मे उपयोग ?
सनातन पथ इन्फो ब्लॉग आज आपको बताने जा रहा है हल्दी का हमारे सनातन हिंदू धर्म में महत्व ।कोई भी मंगल कार्य हो, हल्दी की उपयोगिता बरकरार रहती है। विवाह हो या फिर कोई धार्मिक कार्यक्रम, हल्दी का प्रयोग जरूर किया जाता है। ऐसा क्या है हल्दी में जो धार्मिक रूप से इसे इतना महत्वपूर्ण बनाया गया है।
आपने देखा होगा कि जब भी घर में कोई शुभ या विशेष अवसर आता है तो हल्दी का प्रयोग अवश्य किया जाता है। विवाह में तो हल्दी की अपनी एक अलग रस्म भी होती है। रंगोली जैसे शुभ काम में भी पीले रंग के स्थान पर हल्दी का प्रयोग करना उपयुक्त माना जाता है।
पिछली कई शताब्दियों से सनातन हिंदू परंपरा में हल्दी को पवित्र माना गया है। काल और समाज भले ही बदलता गया हो, आज के मॉडर्न युग में भी हल्दी की पवित्रता को हर कोई भली प्रकार समझता है।
क्या हल्दी को इतनी प्रमुखता देना मात्र एक धार्मिक अंधविश्वास की वजह से है या फिर हल्दी के गुणों के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है? भारतीय परिवारों में हल्दी को पवित्र समझा जाता है, लेकिन हल्दी के औषधीय गुणों को समझते हुए विज्ञान भी इसकी जरूरतों को स्वीकार करता है।
छोटे स्तर से हल्दी के महत्व की शुरुआत करें तो घर में खाना बनाते समय भोजन में हल्दी को अवश्य डाला जाता है। मान्यता के अनुसार इससे भोजन का रंग निखर जाता है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि हल्दी एक एंटी बायोटिक की तरह काम करती है, जो भोजन के भीतर मौजूद किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया का सफाया करती है।
अनेक देशों में हुए अध्ययनों के आधार पर यह प्रमाणित किया गया है कि हल्दी के भीतर ऐसे तत्व होते हैं जो फेफड़े से जुड़ी समस्याओं को हल करने के साथ शरीर को स्वस्थ भी रखते हैं।
भारतीय महिलाएं हल्दी को अपने चेहरे और पांव पर लगाती हैं, इसके पीछे धार्मिक मान्यता हो सकती है लेकिन वैज्ञानिक तौर पर यह प्रमाणित है कि चेहरे या त्वचा पर हल्दी लगाने से स्किन कैंसर नहीं होता। साथ ही इसका प्रयोग पांव पर करने से पांव की फटी एड़ियां भी ठीक हो जाती हैं।
अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के अनुसार हल्दी के भीतर विभिन्न प्रकार के एंटी ऑक्सिडेंट्स होते हैं। इसके अलावा हल्दी के अंदर प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम विटामिन ई, सी और के, सोडियम, जिंक, आयरन के अलावा पोटैशियम, कॉपर भी होता है। हल्दी के अंदर शरीर की बहुत सी समस्याओं से लड़ने का भी प्राकृतिक गुण होता है।
इन सबके अलावा हल्दी का एक बड़ा गुण यह है कि वह किसी भी प्रकार के मधुमेह से लड़ने में, उसे नियंत्रित रखने में कारगर साबित होती है, साथ ही कॉलेस्ट्रॉल कम करने में भी बड़ी भूमिका निभाती है।
हल्दी शरीर के भीतर रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाकर व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ रखती है, उसे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाती है। जख्म वाले स्थान पर हल्दी का लेप लगाने से घाव अपेक्षाकृत जल्दी भर जाता है और वहां किसी प्रकार का संक्रमण नहीं फैलता।
बहुत से लोगों की याद्दाश्त बहुत कमजोर होती है। ऐसे लोग अगर रोजाना हल्दी का सेवन करें तो इससे उनकी याद्दाश्त में काफी सुधार देखा जा सकता है।
अगर आपके शरीर का पाचन तंत्र सही प्रकार से कार्यरत नहीं है तो ऐसे में भी हल्दी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना आपके अंदरूनी तंत्रों को सुचारू रूप से चला पाने में सक्षम होगा।
अब हल्दी के इतने गुण, इतने फायदे हैं। इन फायदों को पौराणिक समय में ही पहचान लिया गया था, तभी तो हमारे पूर्वजों ने हल्दी को पवित्र माना ।
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