Tuesday 15 December 2015

क्या हैं हनुमान चालीसा चौपाइयों के अर्थ ?




हनुमानजी की स्तुति हनुमान चालीसा से हम सभी परिचित हैं। हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी। हिंदू धर्म ग्रंथों में उल्लेखित है कि बाल्यकाल में जब हनुमानजी ने सूर्य को मुंह में रख लिया तब सूर्य को मुक्त कराने के लिए देवराज इंद्र ने हनुमानजी पर शस्त्र से प्रहार किया। इसके बाद हनुमान जी मूर्छित हो गए।


हनुमानजी के मूर्छित होने की बात जब वायु देव को पता चली तो काफी नाराज हुए। लेकिन जब सभी देवताओं को पता चला कि हनुमानजी भगवान शिव के रुद्र अवतार हैं, तब सभी देवताओं ने हनुमानजी को कई शक्तियां दीं। देवताओं ने जिन मंत्रों और हनुमानजी की विशेषताओं को बताते हुए उन्हें शक्ति प्रदान की थी, उन्हीं मंत्रों के सार को गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में वर्णित किया है।


हनुमान चालीसा में मंत्र नहीं हैं लेकिन हनुमानजी की पराक्रम की विशेषताएं बताई गईं हैं। हनुमान चालीसा में ही ऐसी चौपाईयां हैं, जिनका यदि नियमित सच्चे मन से वाचन किया जाए तो यह परम फलदायी सिद्ध होती हैं। हनुमान चालीसा का वाचन मंगलवार या शनिवार करना शुभ होता है। ध्यान रखें हनुमान चालीसा की इन चौपाइयों को पढ़ते समय उच्चारण की त्रुटि न करें।


1. भूत-पिशाच निकट नहीं आवे।


महावीर जब नाम सुनावे।।


उपाय- यदि व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भय सताता है तो नित्य रोज प्रातः और सायंकाल में 108 बार इस चौपाई का जाप किया जाये तो सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।


2. नासै रोग हरै सब पीरा।


जपत निरंतर हनुमत बल बीरा।।


उपाय- यदि व्यक्ति बीमारियों से घिरा रहता है तो निरंतर सुबह-शाम 108 बार जप करके तथा मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति के सामने पूरी हनुमान चालीसा के पाठ से रोगों की पीड़ा खत्म हो जाती है।


3. अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।


अस बर दीन जानकी माता।।


उपाय- यदि जीवन में व्यक्ति को शक्तियों की प्राप्ति करनी है ताकि जीवन निर्वाह में मुश्किलों का कम सामना करना पड़े तो नित्य रोज, ब्रह्म मुहूर्त में आधा घंटा इन पंक्तियों के जप से लाभ प्राप्त हो सकता है।


4. विद्यावान गुनी अति चातुर।


रामकाज करीबे को आतुर।।


उपाय- यदि किसी व्यक्ति को विद्या और धन चाहिए तो इन पंक्तियों के जप से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। प्रतिदिन 108 बार ध्यानपूर्वक जप करने से व्यक्ति के धन सम्बंधित दुःख दूर हो जाते हैं।


5. भीम रूप धरि असुर संहारे।


रामचंद्रजी के काज संवारे।।


उपाय- यदि कोई व्यक्ति शत्रुओं से परेशान हैं या व्यक्ति के कार्य नहीं बन पा रहे हैं तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।


 You can follow us with one click on :

                                                                www.sanatanpath.com

                                                                        facebook

                                                                         Twitter

No comments: