Thursday, 17 March 2016

पाताल भुवनेश्वर एक रहस्यमी गुफा

पाताल भुवनेश्वर गुफा में दुनिया के समाप्त होने का रहस्य छुपा  है




सनातन पथ ब्लॉग आज आपको एक ऎसी गुफा के बारे में बता रहा है जो उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में गंगोलीहाट कस्बे में है, यह एक रहस्यमयी गुफा है। इस गुफा से ऎसी  मान्यताएं जु़डी हैं, जिनका उल्लेख पुराणों में भी किया गया है। गुफा के बारे में बताया जाता है कि इसमें दुनिया के समाप्त होने का भी रहस्य छुपा है। इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है।

पाताल भुवनेश्वर गुफा के बारे में कहा जाता है कि पाण्डवों ने इस गुफा के पास तपस्या की थी। काफी समय तक लोगों की नजरों से दूर रही  इस रहस्यमयी गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी।

गुफा के अंदर -

 1 : - गणेश जी का सिर जो उस कथा की याद दिलाता है, जब भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट दिया था।

 2 : - इस गुफा में चार खंभा है जो चार युगों अर्थात सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग को दर्शाते हैं। इनमें पहले तीन आकारों में कोई परिवर्तन नही होता। कलियुग का खंभा लम्बाई में अधिक है और इसके ऊपर छत से एक पिंड नीचे लटक रहा है, मान्यता के कथानुसार 7 करोड़ वर्षों में पिंड की लम्बाई 1 ईच बढ़ती है और दोनों पिंडो के मिल जाने पर कलियुग समाप्त हो जायेगा।

 3 : - भारत का प्राचीन स्कन्द पुराण ग्रन्थ और टटोलिये मानस खण्ड के 103वें अध्याय के 273 से 288 तक के श्लोकों में इसका वर्णन मिलता है। ग्रन्थ में गुफ़ा का वर्णन पढ़ कर उपरोक्त मूर्तियां साक्षात जागृत हो जाएंगी।

स्कन्द पुराण मानसखंड 103/10-11  : -

शृण्यवन्तु मनयः सर्वे पापहरं नणाभ्‌ स्मराणत्‌ स्पर्च्चनादेव
पूजनात्‌ किं ब्रवीम्यहम्‌ सरयू रामयोर्मध्ये पातालभुवनेश्‍वर !!

अर्थ : -

ऐसे स्थान का वर्णन करता हूं जिसका पूजन करने के सम्बन्ध में तो कहना ही क्या, जिसका स्मरण और स्पर्श मात्र करने से ही सब पाप नष्ट हो जाते हैं वह सरयू, रामगंगा के मध्य पाताल भुवनेश्‍वर है -  वेद व्यास

पाताल भुवनेश्वर गुफा के बारे में कहा जाता है कि इसमें भगवान शिव का निवास है। सभी देवी-देवता इस गुफा में आकर भगवान शिव की पूजा करते हैं।

4 :- गुफा के अंदर जाने पर संकरे रास्ते से जमीन के अंदर आठ से दस फीट नीचे जाने पर गुफा की दीवारों पर कई ऎसी आकृतियां नजर आने लगती हैं जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे। यह आकृति एक हंस की है जिसके बारे में यह माना जाता है कि यह ब्रह्मा जी का हंस है।

5 : - गुफा के अंदर हवन कुंड है। इस हवन कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसमें जनमेजय ने नाग यज्ञ किया था जिसमें सभी सांप भष्म हो गए थे। केवल तक्षक नाग ही बच गया जिसने राजा परीक्षित को काटा था। कुंड के पास एक सांप की आकृति जिसे तक्षक नाग कहा जाता है।

6 :- पाताल भुवनेश्वर गुफा में एक साथ चार धामों के दर्शन किए जा सकते हैं । ऎसी मान्यता है कि इस गुफा में एक साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ के दर्शन होते हैं। इसे दुर्लभ दर्शन माना जाता है जो किसी अन्य तीर्थ में संभव नहीं होता।

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